लुधियाना नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सुझाव पर आज मणिपुर सरकार की ओर से एक विशेष टीम लुधियाना फोकल प्वाइंट में इलेक्ट्रोप्लाटिंग के लगे सीईटीपी प्लांट को देखने आई। इस टीम में मणिपुर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी सी. लाल, सेक्रेटरी विजिलेंस लाल. रिया, मुंसिपल कारपोरेशन के ज्वाइंट सेक्रेट्री लाल . निंग और डिप्टी कमिश्नर नाजुक कुमार मौजूद थे। जेबीआर की ओर से लगाए गए इस इलेक्ट्रोप्लाटिंग प्लांट के लिए एनजीटी ने विशेष तौर पर इस टीम को सुझाव दिया था कि वह देख कर आए कि किस तरह जेडएलडी ( जीरो लिक्विड डिसचार्ज) तकनीक आधारित यह प्लांट काम कर रहा है और इसे समझ कर मणिपुर में इंडस्ट्री के लिए लगाया जा सकता है। मणिपुर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मेंबर फैक्ट्री ने आरओ सिस्टम के जरिए पानी को ट्रीट कर कैसे पीने के लायक बनाया जाता है उस तकनीक को गहनता से जांचा और उसकी बारीकियों को अपने साथ नोट कर ले गए ताकि मणिपुर में जब भी कोई सीईटीपी प्लांट लगाया जाएगा तो वह इस तकनीक को ही प्राथमिकता देंगे। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एनजीटी ने किसी राज्य की सरकार को पंजाब में लगे सीईटीपी को देखने भेजा है। उत्तरी भारत में यह पहला ऐसा प्लांट है जो इलेक्ट्रोप्लाटिंग के पानी को ट्रीट कर दोबारा इस्तेमाल करने के लायक बनाता है। इस मौके पर पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की एक्सियन समित कुमारी, जेबीआर टेक्नोलॉजी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेंद्र सिंह, टेक्निकल इंचार्ज प्रदीप कुमार, जोगिंदर सिंह सहित कई सरकारी अधिकारी मौजूद थे।
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फोटो- एनजीटी के सुझाव पर मणिपुर सरकार की ओर से आई टीम को प्लांट दिखाते हुए जेबीआर के राजेंद्र सिंह व अन्य।-
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