– उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से कई बार मिल चुकी थी चेतावनी पर नहीं बाज रही थी कंपनी
दिल्ली ,22 जनवरी 2024 (नेशनल डेस्क) नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश की बिरला कार्बन लिमिटेड कंपनी को बिना ट्रीट किए कार्बन युक्त पानी को स्थानीय नाले के जरिए रेनू रिवर में फेंकने पर 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से कई बार कंपनी का नोटिस दिए जा चुके थे लेकिन कंपनी बाज नहीं आ रही थी जिस पर एनजीटी ने एक टीम गठित कर रिपोर्ट तैयार करवाई और उस रिपोर्ट के आधार पर कंपनी को 12 लाख रुपए का जुर्माना ठोका गया है। एनजीटी की ओर से यह फैसला चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव , जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस अरुण कुमार त्यागी व एक्सपर्ट मेंबर ए. सेंथिल की ओर से सुनाया गया है। एनजीटी ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और उत्तर प्रदेश कंट्रोल बोर्ड की एक जॉइंट कमेटी बनाई थी , जिसमें वहां की स्थानीय एडमिनिस्ट्रेशन को भी शामिल होने के लिए कहा गया था। सभी ने रिपोर्ट दी थी कि स्थानीय नाले में कार्बन युक्त पानी बिना ट्रीट किए छोड़ा जा रहा है ,जो सीधा रेनू रिवर में पहुंच रहा है। इससे रेनू रिवर काफी प्रदूषित हो रही है। तथ्यों के आधार पर एनजीटी ने कंपनी को 12 लाख का जुर्माना ठोका और आदेश दिया कि वह 2 महीने के अंदर इस जुर्माने को अदा करें।
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