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पीने के पानी में जहर दे रही हैं डाइंग इंडस्ट्री की 22 किलोमीटर लंबी सीवरेज पाइप

– फोकल प्वाइंट से ताजपुर रोड तक डेढ़ दर्जन कालोनीयों में रह रहे हज़ारो लोग डर के साये में जी रहे हैं
– 40 एमएलडी के सीईटीपी को इतनी लम्बी पाइप डालने की किसने दी इजाजत
चंडीगढ़,20 अक्टूबर (नेशनल डेस्क ) लोगों की जान के साथ खेल कर पैसा कैसे कमाया जाता है। यह डाइंग इंडस्ट्री वालों से सीखना बनता है। क्योंकि उन्होंने पैसा कमाने के चक्कर में लोगों की जान के साथ धडले से खेलना शुरू कर दिया है। लुधियाना में फोकल प्वाइंट में लगी डाइंग इंडस्ट्री के लिए एक कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी ) 22 किलोमीटर की दूरी पर ताजपुर रोड पर लगाया गया है। जो लोगों की जान की परवाह किए बिना फोकल प्वाइंट से ताजपुर रोड तक बिना ट्रीट किया हुआ जहरीला केमिकल युक्त पानी 22 किलोमीटर दूर सीवरेज लाइन के जरिए ले जाकर साफ करने का दावा किया जाता है। लेकिन असलियत यह है कि जहरीला केमिकल वाला डाइंग इंडस्ट्री का पानी 22 किलोमीटर लंबी सीवरेज पाइपों के जरिए ताजपुर रोड पर लगे सीईटी पर पहुंच जरूर रहा है, लेकिन वह बिना ट्रीट के ही बुड्ढे नाले में भी छोड़ दिया जाता है। जिन रिहाशी क्षेत्र से यह पाइप गुजर रही है उन लोगों के पीने के पानी में यह पानी मिक्स होकर जहर बांट रहा है। साथ ही उन लोगों के लिए भी यह जान का खतरा है जो लोग बुड्ढे नाले के पास रह रहे हैं और बुड्ढे नाले का पानी लोगों के पीने के पानी में मिक्स हो रहा है।
इस पर ना तो कभी प्रशासन ने और ना ही पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने कोई कारवाई की हैं। बल्कि उल्टा उन्हें 22 किलोमीटर लंबी पाइप डालने की इजाजत दे दी। यह बता दे की कुछ समय पहले रिहायशी एरिया से जहरीला पानी बाहर आया और पीने वाले पानी में मिक्स होकर लोगों को बीमारियां भी दे गया। परंतु फिर भी ना तो प्रशासन जागा और ना ही नगर निगम ने इसकी कोई सुध ली। इलाका निवासियों ने इसकी कई बार प्रशासन के पास शिकायत की है। लेकिन आज तक कभी भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। बरसात के दिनों में अक्सर यहां पानी सीवरेज लाइन से ओवरफ्लो होकर पीने के पानी में मिक्स होता हुआ दिखाई देता है। अगर ग्यासपुरा की तरह यहां पर भी कोई बड़ा कांड हो गया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? यहां बता दे कि फोकल प्वाइंट में 72 डाइंग यूनिट सीईटीपी के मेंबर है जिनका 40 एमएलडी पानी रोजाना 22 किलोमीटर लंबे पाइप से गुजर कर ताजपुर रोड तक पहुंचता है। इसके सीवरेज के पाइप सीमेंट के डाले गए हैं जो पानी के प्रेशर से कभी भी फट सकते हैं । जिससे जहरीला पानी सड़कों पर आ जाएगा और लोगों को अपने आगोश में कभी भी ले सकता है। स्लो प्वाइजन के रूप में डाइंगों का रंगदार जहरीला पानी फोकल पॉइंट फेस – 8 से होते हुए जीवन नगर और वहां से चंडीगढ़ रोड से होते हुए समराला चौक के पीछे से सीधा ताजपुर रोड ईटीपी पर पहुंच रहा है। इस 22 किलो मीटर के एरिया में करीब डेढ़ दर्ज़न रिहायशी कालोनियां हैं जिनमें हजारों लोग रह रहे हैं जो हर वक्त अपने घर में डरे सहमे रहते हैं कि अगर पानी पाइप को तोड़कर बाहर आ गया तो वह कही बड़ी बीमारियों की चपेट मै आकर जान ना गंवा बैठे। अगर ऐसा हादसा हो गया तो इस हादसे का जिम्मेदार कौन होगा? भगवंत सिंह मान सरकार को भी सोचना चाहिए क्योंकि यह आम लोगों की रक्षक होने का दावा करती है। लेकिन उसी के अफसर भक्षक बनकर लोगों की जान लेने पर तुले हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आज तक क्यों नहीं इस पर किसी ने कार्रवाई की। ना तो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस पर ध्यान दिया और ना ही कभी पंजाब सरकार ने इस पर ध्यान देते हुए कोई कार्रवाई की। जो एन.जी.ओ अपनी पब्लिसिटी के लिए पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरती है उन्हें भी यह पाइप और हजारों लोगों की जहरीला पानी पीने के कारण धीरे-धीरे जान जाती दिखाई नहीं दे रही।उन्होंने आज तक इस पर कभी भी कोई मुद्दा नहीं उठाया और ना ही कोई आवाज उठाई।

 

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