….. नहीं छूट रही पुरानी आदतें…
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लुधियाना – पीडीए के जनरल सेक्रेटरी बॉबी जिंदल की जहरीला रंगदार पानी सीईटीपी में पहुंचाने की बजाय , बाईपास कर सीधे सरकारी सीवरेज में गिराने की वीडियो वायरल हुई है। जिससे वह कई सवालों के घेरे में आ गए हैं क्योंकि अगर पीडीए के प्रमुख लोग ही सीईटीपी की बजाए सीवरेज में बिना ट्रीट किया हुआ पानी पहुंचाएंगे तो सदस्यों से भी उम्मीद की जा सकती है कि वह भी बॉबी जिंदल की तरह उनकी राह पर कैसे नहीं चलेंगे? वजह, अगर वह सीईटीपी को पानी देते हैं तो उसके बदले में सदस्यों को पीडीए को पैसे अदा करने पड़ेंगे और यदि वह बॉबी जिंदल की तरह ही पानी सीवरेज में गिरा देंगे तो उनका काम मुफ्त में बन जाएगा और यही उनका मुनाफा होगा। केंद्र और पंजाब सरकार ने मिलकर सीईटीपी प्लांट को 22.50 करोड़ की सब्सिडी दी है और यह एक-एक रुपया आम जनता का है जो इस सीईटीपी को मिला है ताकि सरकार आम जनता को प्रदूषण से बचा सके। इसके अलावा पंजाब सरकार ने करोड़ों रुपए की जगह भी पीडीए को दी है। परंतु डाइंग इंडस्ट्री सुधरने का नाम नहीं ले रही और इस इंडस्ट्री के प्रमुख लोग ही अफसरों के साथ मिलकर सब्सिडी का पैसा डकार कर प्रदूषण को और जोरो से फैला रहे है। आमजन डाइंग इंडस्ट्री के पानी के प्रभाव से गंभीर बीमारियों की चपेट में है और कोई भी सरकारी एजेंसी इन पर शिकंजा कसने को तैयार नहीं हो रही। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड जो सीईटीपी की नोडल एजेंसी है वह भी इस और ध्यान इसलिए नहीं दे रही क्योंकि उनकी जेबें गर्म कर दी जा रही है?