नेशनल डेस्क, 7 जून- कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरने वाले दरियाओ में हेवी मशीनरी से हो रही खुदाई की जांच के लिए एनजीटी ने ज्वाइंट कमेटी गठित की है जो 2 महीने के अंदर रिपोर्ट देगी कि जब हेवी मशीनरी को प्रतिबंधित किया गया था तो खुदाई के लिए इसे कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है। एनजीटी ने यह फैसला सोशल एक्टिविस्ट डॉ. राजा मुजफ्फर भट्ट की ओर से लगाई गई याचिका पर सुनाया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि दूध गंगा, राम व्यारा और रामसू दरिया जो जिला वड़गम , पुलवामा और सोफिया से होकर गुजरते हैं उनकी रेत की खुदाई हाथ से करने के लिए एनवायरमेंट क्लीयरेंस मिली है। लेकिन रेत की खुदाई करने वालों ने वहां पर जेसीबी और एलएनटी की भारी मशीनें ला रखी लगा रखी है जो एनवायरमेंट को बुरी तरह नष्ट कर रही है। याचिकाकर्ता ने कहा कि रेत की खुदाई करने वाले j&k माइनर मिनिरल कंसेशन रूल्स 2016 और j&k स्टेट एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी की गाइडलाइंस का उल्लंघन सरेआम कर रहे हैं। इस पर एनजीटी ने पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी जे एंड के, स्टेट एनवायरमेंटल इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी , डायरेक्टर ऑफ़ जियोलॉजी एंड माइनिंग डिपार्टमेंट और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को संयुक्त रूप से एक कमेटी बनाकर 2 महीने के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। यह फैसला एनजीटी के जस्टिस सुधीर अग्रवाल और सेंथिलवेल ने सुनाया है।