चंडीगढ़-(नेशनल डेस्क) संत सींचेवाल ने अब लुधियाना की 33 डाइंग इंडस्ट्री को बंद करवाने के लिए कमर कस ली है। उन्होंने केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को पत्र लिखकर कहा है कि वह लुधियाना की 33 डाइंग यूनिट पर बनती कार्रवाई करें क्योंकि यह बिना साफ किया हुआ केमिकल युक्त पानी सीधा सरकारी ट्रीटमेंट प्लांट में छोड़ रही है। जिससे यह प्लांट काम करना बंद कर गए हैं। जबकि सरकार ने यह प्लांट सिर्फ घरेलू पानी को साफ करने के लिए बनाए थे। इन पर करोड़ों रुपए लग चुके है। सरकार ने हाल ही में फिर से इन्हें दुरुस्त करने के लिए करोड़ों खर्च किए है। परंतु फिर यह 33 यूनिट इसमें पानी छोड़ने से बाज नहीं आ रहे। यह 33 यूनिट न तो पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के बनाए गए नियमों की कोई पालन कर रहे हैं और न ही जिला प्रशासन की कोई बात सुन रहे है। इसलिए इन पर बनती हुई कार्रवाई तुरंत की जाए। यहां बता दें कि संत सींचेवाल की कार्रवाई करने का मतलब इंडस्ट्री बंद करवाना होता है। इससे पहले भी वह पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को पत्र लिखकर कई इंडस्ट्री बंद करवा चुके हैं।
यहां बता दें कि लुधियाना नगर निगम ने सरकार से जो 650 करोड रुपए लेकर सरकारी एसटीपी प्लांट को दुरुस्त करने का काम किया है उसमें 25 करोड रुपए विशेष तौर पर इन 33 यूनिटों के पानी को उठाने के लिए गए हैं। यहां ध्यान देने योग्य है कि अगर नगर निगम इन 33 यूनिट को सरकारी सीवरेज में पानी डालने की इजाजत नहीं देता तो उसे यह 25 करोड रुपए सरकार को वापस करने पड़ेंगे।
यहां यह भी ध्यान देने योग्य है कि संत सींचेवाल ने भी बिना सोचे समझे ही केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को कार्रवाई करने की सिफारिश कर डाली। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड हो या पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड दोनों के अधिकारियों के हाथ- पैर तब फूल जाते हैं जब संत सींचेवाल का कोई शिकायती पत्र उन्हें मिलता है क्योंकि वह राज्यसभा के सदस्य के साथ-साथ पर्यावरण विद् भी है